Human Disease Question (मानव बीमारी सम्बंधित प्रश्न) Part - 02
Question No - 26
कुत्ते के काटने से कौन-सा अंग प्रभावित होता है ?
Which part of the body is affected by a dog bite?
1. ह्रदय / heart
2. किडनी / kidney
3. श्वसन तंत्र / the respiratory system
4. तंत्रिका तंत्र / Nervous system
Answer :-
Option 4 : तंत्रिका तंत्र / Nervous system
Detailed Below:
📌Important Points :
- कुत्ते के काटने से रेबीज या हाइड्रोफोबिया नामक वायरस तंत्रिका तंत्र को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है |
- जिसके लक्षण 24 घंटे के बाद या 14 दिन के अंदर दिखाई देने लगता है
• लक्षण
- बुखार, शरीर में पीड़ा, बेहोशी, बेचैनी
• उपाय
- कुत्ते के काटने के 24 घंटे के अंदर टेटनस या रेबीज इंजेक्शन लगवाये |
📝Additional Information :
• कालाजार
- कालाजार का कारण प्रोटोजोआ लीशमैनिया डोनोवानी है।
- कालाजार रोग एक संक्रमित सैंडफ्लाई के काटने से फैलता है।
Question No - 27
बच्चों को ट्रिपल एण्टीजन (DPT) किस रोग को रोकने हेतु दी जाती है ?
Triple Antigen (DPT) is given to children to prevent which disease?
1. डिफ्थीरिया, कुकुरखांसी, टिटनेस / diphtheria, whooping cough, tetanus
2. डिफ्थीरिया, पोलियो, टिटनेस / diphtheria, polio, tetanus
3. डिफ्थीरिया, कुकरखांसी, टायफायड / diphtheria, whooping cough, typhoid
4. डेंगू, पोलियो, टायफायड / Dengue, Polio, Typhoid
Answer :-
Option 1 : डिफ्थीरिया, कुकुरखांसी, टिटनेस
Detailed Below:
📌Important Points :
- D, P, T वैक्सीन सात साल के बच्चो को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और डिप्थीरिया (लकवा की शिकायत), काली खांसी (पटुंसिस) और टेटनस (शरीर के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है) के बैक्टीरिया से बचने के लिए दी जाने वाली खुराग है।
- डीपीटी का टिका बच्चो को 2 महीने, 4 महीने, 6 महीने, 15 से 18 महीने, 4 से 6 साल के बीच लगाया जाता है।
📝Additional Information :
• कालाजार
- कालाजार का कारण प्रोटोजोआ लीशमैनिया डोनोवानी है।
- कालाजार रोग एक संक्रमित सैंडफ्लाई के काटने से फैलता है।
Question No - 28
निम्न में से कौन-सा रोग जीवाणु द्वारा होता है ?
Which of the following diseases is caused by bacteria?
1. पोलियो / polio
2. हीमोफीलिया / hemophilia
3. टायफायड / typhoid
4. फाइलेरियासिस / filariasis
Answer :-
Option 3 : टायफाइड
Detailed Below:
📌Important Points :
- सैलमोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से उत्पन्न होता है।
- यह सबसे अधिक आंत को प्रभावित करता है
👉लक्षण
- बुखार का आना, भूख न लगना, सीने पर लाल रंग के निशान, थकान, ठंड लगना |
👉उपाय
- टायफाइड से बचने के लिए बायोवाक टाइपोड 25mg इन्जेक्शन को जरुर ले |
- टायफाइड होने पर साफ़-सफाई का ध्यान रखना चाहिए |
📝Additional Information :
• रोग और कारण
Question No - 29
निम्न में से कौन सा कवक से होने वाला संक्रामक रोग है ?
Which of the following is an infectious disease caused by fungi?
1. हैजा / cholera
2. एथलीट फुट / athlete's foot
3. A और B दोनों / BOTH A AND B
4. उपर्युक्त सभी / all of the above
Answer :-
Option 2 : एथलीट फुट
Detailed Below:
📌Important Points :
- एथलीट फुट (टिनिया पेडीस) एक कवक संक्रमण है| यह मुख्य रूप से पैर की उंगलियों के बीच होता है|
- यह उन लोगों में होता है, जिनके पैर तंग-फिटिंग जूते के भीतर ही सीमित होते हैं, जिसकी वजह से पैर में पसीना आता है।
👉लक्षण
- पैर के उंगलियों में खुजली होना, पैरों पर छाले होना जिनकी वजह से खुजली होती है।
Question No - 30
स्वाइन फ्लू वायरस से कौन-सा अंग प्रभावित होता है ?
Which organ is affected by the swine flu virus?
1. हृदय / Heart
2. किडनी / kidney
3. श्वसन तंत्र / respiratory system
4. आँख / eyes
Answer :-
Option 3 : श्वसन तंत्र / respiratory system
Detailed Below:
📌Important Points :
- स्वाइन फ्लू एक श्वसन संबंधित बीमारी (respiratory illness) है,
- जो स्वाइन इन्फ्लू एंजा वायरस के कारण होता है
👉लक्षण
- बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, डायरिया, खांसी, गले में खराश आदि ।
👉उपाय
- इसमें पीड़ित व्यक्ति को एंटी-वायरल दवाएं ओसेल्टामिविर (oseltamivir) और जैनामिविर (रिलेन्जा) zanamivir (Relenza) दी जाती हैं।
- टायफाइड होने पर साफ़-सफाई का ध्यान रखना चाहिए |
Question No - 31
'प्रोटीन की कमी के कारण होने वाला रोग है?
What is the disease caused due to deficiency of protein?
1. मेरेस्मस / maresmus
2. क्वाशिओरकर / kwashiorkar
3. टिटेनस / tetanus
4. रक्त का थक्का नहीं जमना / blood does not clot
Answer :-
Option 3 : क्वाशियोरकर
Detailed Below:
📌Important Points :
- क्वाशियोरकर तीव्र कुपोषण (acute malnutrition) का एक रूप है।
- यह रोग बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित करता है |
- यह प्रोटीन की कमी से होता है।
👉लक्षण
- भूख न लगना, बालों के रंग में बदलाव, डिहाइड्रेशन होना, लंबाई न बढ़ना, पेट फूलना आदि |
👉उपाय
- क्वाशियोरकर की कमी दिखने पर ऐसा भोजन लें, जिनमें विटामिन ए अधिक हो।
- जैसे - सीफूड, अंडे, लीन मीट, बीन्स, मटर, पत्तेदार सब्जी, हरी सब्जी, गाजर, पपीता और आम जैसे फल भी विटामिन ए के अच्छे स्रोत हैं।
📝Additional Information :
📋प्रोटीन के बारे में:
० प्रोटीन शरीर के ऊतकों के निर्माण खंडों में से एक हैं।
० प्रोटीन कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से बने होते हैं।
० प्रोटीन शरीर की वृद्धि और मरम्मत में मदद करते हैं।
० प्रोटीन पोषक तत्व हैं जिन्हें 'बॉडीबिल्डर के रूप में जाना जाता है।
० अमीनो अम्ल प्रोटीन की मूल इकाई है।
० सोयाबीन में प्रोटीन का प्रतिशत सबसे अधिक होता है।
० प्रोटीन का प्रमुख स्रोत मांस, दूध, अंडा, मछली, चना आदि हैं।
० मरास्मस भी प्रोटीन की गंभीर कमी के कारण होता है।
- रिकेट्स और वाक-त्वचा विटामिन D की कमी के कारण उत्पन्न होते हैं
- आयोडीन की कमी घेघा रोग का सबसे सामान्य कारण है।
- ज़ेरोफथाल्मिया एक बढ़नेवाला नेत्र रोग है जो विटामिन A की कमी के कारण होता है।
Question No - 32
आँखों की दूर दृष्टि बीमारी किसके कारण से होती है ?
What causes farsightedness of the eyes?
1. नेत्र गोलक के छोटा होने से / narrowing of the eyeball
2. पुतली के फैलने से / narrowing of the eyeball
3. रेटिना के छोटा होने से / narrowing of the eyeball
4. उपर्युक्त में कोई नही / none of the above
Answer :-
Option 1 : नेत्र गोलक के छोटा होने से
Detailed Below:
- हाइपरमेट्रोपिया या हाइपरोपिया आंख को दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखता है लेकिन पास की वस्तुओं को नहीं। यह तब होता है जब नेत्र लेंस की फोकस दूरी बहुत अधिक हो जाती है और नेत्रगोलक छोटा हो जाता है।
- इसे उत्तल आकार के चश्मे या लेंस की सहायता से ठीक किया जा सकता है
- हाइपरमेट्रोपिया दृष्टि का एक दोष है जिसके कारण प्रकाश की किरणों को रेटिना पर केंद्रित करना असंभव हो जाता है लेकिन इसके पीछे। इस दोष का मुख्य कारण
- आंखों की अपर्याप्त लंबाई है। बहुत से लोग बिना जाने ही हाइपरमेट्रोपिया से पीड़ित
- हो जाते हैं क्योंकि आंख अपने आप इस दोष की भरपाई कर देती है।
• हाइपरमेट्रोपिया दोष के कारण :
- हाइपरोपिया वाली आँख में, आँख में प्रवेश करने वाली प्रकाश की किरणें सीधे रेटिना पर फ़ोकस करने के बजाय, रेटिना के पीछे फ़ोकस करती हैं। आम तौर पर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दूरदृष्टि-दोष से ग्रस्त व्यक्ति का नेत्र-गोलक (आई बॉल) सामान्य से छोटा होता है।
• हाइपरमेट्रोपिया के दोष का सुधार:
Question No - 33
“फाइलेरिया रोग” किससे उत्पन्न होता है ?
What causes "Filariasis"?
1. विषाणु / Virus
2. मच्छरों / mosquitoes
3. जीवाणु / bacteria
4. फफूंद / mold
Answer :-
Option 3 : मच्छरों के काटने से
Detailed Below:
📌Important Points :
- फाइलेरिया एक पैरासाइट डिजीज है।
- यह बीमारी निमेटोड कीड़ों (Nematode worms) के कारण होती है |
- ये क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से होता है |
- इस बीमारी को हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है।
👉लक्षण
- बार-बार बुखार आना, अंगों में सूजन, हाथों और पैरों में सूजन, आदि
👉उपाय
- प्रोटीन युक्त आहार लें, ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें ।
📝Additional Information :
• रोग और कारण
कारण | ऱोग |
---|---|
विषाणु | • मम्प्स • चेचक • इन्फ्लुएंजा • एड्स • डेंगू बुखार • चिकनपॉक्स |
जीवाणु | • प्लेग • हैज़ा • डिप्थीरिया • सिफलिस • टेटनस • टाइफाइड |
कवक | • दाद • स्केबीज • एथलीट फुट • कैंडिडिआसिस |
Question No - 34
गलसुआ वायरस के कारण मनुष्य का कौन सा अंग प्रभावित होता है ?
Which part of the human body is affected by the mumps virus?
1. पेरोटिड लार ग्रन्थियां / parotid salivary glands
2. आंत / Intestine
3. श्वास नाली / breathing tube
4. तंत्रिका तंत्र / Nervous system
Answer :-
Option 3 : पैरोटिड ग्रंथि
Detailed Below:
📌Important Points :
- पैरोटिड ग्रंथि सबसे बड़ी लार ग्रंथि है
- यह कान के ठीक सामने चेहरे के किनारे पर पाई जाती है |
- गलसुआ एक वायरल संक्रमण है,
- जो जीनस रुबेला वायरस के कारण होता है |
👉लक्षण
- लार ग्रन्थियों में सूजन, बुखार, सिरदर्द ।
👉उपाय
- मुंह की सफाई विशेष तौर पर करें।, गालों की बर्फ से सिंकाई करें।
- अगर यह वायरस शिशुओं और बच्चो को संक्रमित करता है,
- उसके लिए रुबेला (MMR) के टीके लगवाना चाहिए
Question No - 35
पीलिया से दुष्प्रभावित होता है ?
Jaundice is affected by?
1. अग्न्याशय / Pancreas
2. आमाशय / Pancreas
3. यकृत / Liver
4. छोटी आंत / Small intestine
Answer :-
Option 3 : यकृत / Liver
Detailed Below:
📌Important Points :
- पीलिया हैपेटाइटिस वायरल के कारण से होता है,
- इसे जौंडिस के नाम से भी जाना जाता है |
- बिलीरुबिन (Bilirubin) की अत्यधिक मात्रा होने से पीलिया होता है,
- जो सबसे अधिक यकृत पर अपना प्रभाव करता है।
👉लक्षण
- वजन घटना, गाढ़ा, लगातार थकान महसूस करना, पेट में दर्द होना, आंख का सफेद हिस्सा तेजी से पीला होना, आदि
👉उपाय
- भोजन में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थों का सेवन करे |
📝Additional Information :
• रोग और प्रभावित अंग
ऱोग | प्रभावित अंग |
---|---|
डिप्थीरिया | श्वास नली |
ट्रेकोमा | आँख |
मलेरिया | तिल्ली व लाल रक्त कणिकाएं |
मेनिनजाइटिस | मस्तिष्क |
हर्पीज | त्वचा |
टिटनेस | तंत्रिका तंत्र |
कोढ | तंत्रिका तंत्र |
रेबीज | तंत्रिका तंत्र |
पोलियो | तंत्रिका तंत्र |
चेचक | पूरा शरीर |
खसरा | पूरा शरीर |
डेंगू ज्वर | पूरा शरीर |
प्लेग | फेफड़ा व लालरक्त कणिकाएं |
निमोनिया | फेफड़ा |
क्षय रोग | फेफड़ा |
काली खांसी | फेफड़ा व गला |
दमा | फेफड़ा |
इन्फ्लूएंजा | श्वसन तंत्र |
फ्लू | श्वसन तंत्र |
रिकेट्स | हड्डियां |
एथलीट फुट | पैर |
घेंघा | थायराइड ग्रंथि |
पीलिया | यकृत |
दाद, खाज | त्वचा |
पायरिया | दांत में मसूड़े |
एड्स | प्रतिरक्षा प्रणाली |
हैजा, टाइफाइड | आंत |
Question No - 36
अस्थमा एक चिरकालिक विकार है जिसके कारण ___?
Asthma is a chronic disorder that causes ___?
1. निमोनिया / Pneumonia
2. त्वचा के चकत्ते / Skin Rashes
3. दिल की रुकावट / Heart blockage
4. वायुमार्ग में सूजन / Inflammation in the Airway
Answer :-
Option 4 : वायुमार्ग में सूजन
Detailed Below:
- दमा फेफड़ों के लिए वायुमार्ग की एक सूजन सम्बन्धी बीमारी है जो सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न करती है और मनुष्यों में कुछ शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करती है।
📌Important Points :
- इस बीमारी में, बलगम के अत्यधिक उत्पादन के कारण फेफड़ों के वायु मार्ग बहुत संकीर्ण हो जाते हैं।
- दमा के सबसे आम लक्षणों में घरघराहुट, सीने में जकडून, थकान,खांसी और सांस की तकलीफ शामिल हैं।
- पुटीय तंतुशोथ एक वंशानुगत बीमारी है जो फेफड़ों और पाचन तंत्र को प्रभावित करती है।
- यह जानलेवा हो सकता है।
📝Additional Information :
- न्यूमोनिया एक संक्रमण है जिसके कारण हवा की सूजन एक या दोनों फेफड़ों में होती है। यह बैक्टीरिया, वायरस और कवक सहित विभिन्न प्रकार के जीवों के कारण होता है।
- क्षय रोग (TB) एक संक्रामक संक्रमण है जो हमारे फेफड़ों पर हमला करता है। यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक एक प्रकार के बैक्टीरिया के कारण होता है।
• रोग और कारक
कारण | ऱोग |
---|---|
विषाणु | • मम्प्स • चेचक • इन्फ्लुएंजा • एड्स • डेंगू बुखार • चिकनपॉक्स |
जीवाणु | • प्लेग • हैज़ा • डिप्थीरिया • सिफलिस • टेटनस • टाइफाइड |
कवक | • दाद • स्केबीज • एथलीट फुट • कैंडिडिआसिस |
Question No - 37
पोलियो के टीके की खोज किसने की थी ?
Who discovered the polio vaccine?
1. जोनास साल्क / Jonas Salk
2. ल्यूवेन हाँक / Leuven hank
3. हैनीमैन / Hahnemann
4. एडवर्ड जेनर / Edward jenner
Answer :-
Option 1 : जोनास साल्क / Jonas Salk
Detailed Below:
📌Important Points :
- पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खरनाक बीमारी है।
- ये पोलियो वायरस से होती है।
- यह वायरस दूषित पानी और भोजन या वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क में आने से फैलता है।
👉लक्षण
- गर्दन में दर्द, मांसपेशियो में कमजोरी होना, मेनिनजाइटिस, पीठ में दर्द
👉उपाय
- पोलियो से बचाव करने के लिए छोटे बच्चों को सही समय पर टिके लगवाना चाहिए।
- जिसका समय 2 महीने, 4 महीने, 6 से 18 महीने, और 4 से 6 वर्ष तक पोलियो टिके लगवाना चाहिए
- साथ ही वयस्क लोगो को सॉल्क वैक्सीन PV11 लगवाना चाहिए |
📝Additional Information :
• टीका:-
- डॉ जोनास सॉल्क द्वारा एक निष्क्रिय (म) पोलियो वैक्सीन (IPV) का विकास किया गया और पहली बार 1955 में इसका इस्तेमाल
- किया गया।
- डॉ अल्बर्ट साबिन द्वारा विकसित और पहली बार 1961 में प्रयुक्त एक जीवित (कमजोर) मौखिक पोलियो वैक्सीन (OPV) है।
ख़ोज | खोजकर्ता |
---|---|
एंटीजन | लैंडस्टीनर |
पोलियो वैक्सीन | जॉन ई साल्क |
बैक्टीरिया | लूवेन्हॉक |
सल्फा ड्रग | डॉगमैक |
लिंग हार्मोन | स्टेनाच |
इंसुलिन | वेंटिंग |
चेचक का टीका | एडवर्ड जेनर |
टीवी बैक्टीरिया | रॉबर्ट कोच |
पेनिसिलिन | एलेग्जेंडर फ्लेमिंग |
बी.सी.जी. | यूरिन कालमेट |
Question No - 38
BCG (बेसिलस कैल्मेट गुएरिन) का टीका निम्न में किसके लिए लगाया जाता है ?
BCG (Bacillus Calmette Guerin) vaccine is given for which of the following?
1. निमोनिया / pneumoniae
2. काली खांसी / Hooping cough
3. टिटनेस / tetanus
4. टीबी / TB
Answer :-
Option 3 : टीबी / TB
Detailed Below:
📌Important Points :
बी.सी.जी. (बैसिलस कैलमेट-गुएरिन) एक टीका है, जो मुख्यतः टीबी की रोकथाम के लिए उपयोग किया जाता है।
📝Additional Information :
- कालाजार का कारण प्रोटोजोआ लीशमैनिया डोनोवानी है।
- कालाजार रोग एक संक्रमित सैंडफ्लाई के काटने से फैलता है।
Question No - 39
'इंसुलिन की कमी से शरीर में कौन सा रोग होता है ?
Which disease occurs in the body due to lack of insulin?
1. मधुमेह / diabetes
2. रक्त चाप / blood pressure
3. घबराहट / Nervousness
4. इन्सुलिन / insulin
Answer :-
Option 1 : मधुमेह / diabetes
Detailed Below:
📌Important Points :
- मधुमेह (डायबिटीज) इंसुलिन हार्मोन के कम निर्माण होने के कारण से होता है |
- इंसुलिन हार्मोन के कम होने के कारण, कोशिकाओं तक शुगर ठीक से नहीं पहुंच पाती है,
- जिससे सेल्स की एनर्जी कम होने लगती है, और मधुमेह की शिकायत मनुष्यों में आने लगती है
- बेहोशी आना, दिल की धड़कन तेज होना, शरीर थका हुआ लगना, शुगर का लेवल लगातार बढ़ आदि.
Question No - 40
'काली मौत किस वायरस को कहा जाता है ?
Which virus is called black death?
1. प्लेग / plague
2. एड्स / AIDS
3. कैंसर / cancer
4. मलेरिया / Malaria
Answer :-
Option 1 : प्लेग / plague
Detailed Below:
📌Important Points :
- प्लेग एक प्रकार का इन्फेक्शन है,
- जो "येर्सिनिया पेस्टिस" (Yersinia pestis) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है,
- यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से चूहों में पाया जाता है |
- त्वचा का रंग काला होना, बुखार, सिरदर्द, कब्ज, आदि
📝Additional Information :
बीमारी | प्रभावित अंग | विषाणु के नाम |
---|---|---|
1. एड्स | प्रतिरक्षा प्रणाली(WBC) | HIV |
2. डेंगू ज्वर | सम्पूर्ण शरीर खास कर सिर, आंख एंव जोड़ | अरबो वायरस |
3. पोलियो | गला, रीढ़, नाड़ी संस्थान | पोलियो |
4. इन्फ्लूएंजा | सम्पूर्ण शरीर | मिक्सो वाइरस |
5. चेचक | सम्पूर्ण शरीर | वैरिओला वायरस |
6. छोटी माता | सम्पूर्ण शरीर | वैरिसेला वायरस |
7. गलशोथ | पैराथाइराइड ग्रंथि | ------ |
8. खसरा | सम्पूर्ण शरीर | मोर्बिली वायरस |
9. ट्रेकोमा | आँख | ----- |
10. हिपैटाइटीस या पीलिया | यकृत | 'हेपेटाइटिस-ए' |
11. रेबीज | तंत्रिका तंत्र | रैब्डो वायरस |
12. मेनिनजाइटिस | मस्तिष्क | ----- |
13. हर्पीज़ | त्वचा | हर्पीस |
Question No - 41
EBOLA एक हैं ?
Ebola is one?
1. आतंकवादी संगठन / terrorist organization
2. प्राणघातक विषाणु / lethal virus
3. AIDS परीक्षण / AIDS test
4. इनमे से कोई नहीं / None of these
Answer :-
Option 2 : प्राणघातक विषाणु / lethal virus
Detailed Below:
📌Important Points :
• वायरस:
- इस वायरस की खोज रूसी वैज्ञानिक दमित्री इवानोव्स्की ने की थी। ० वायरस अति-सूक्ष्म कण होते हैं।
- ये जीवित और निर्जीव जीवों के बीच एक जोड़ने वाली कड़ी हैं।
- वायरस के लक्षण:
- ये जीवित कोशिकाओं के अंदर सक्रिय हो जाते हैं।
- न्यूक्लिक एसिडू खुद को दोहराते हैं और तेजी से प्रजनन् करते हैं।
- ये बैक्टीरिया और कवक जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं।
• इबोला वायरस:
- इसे इबोला वायरस रोग (ईवीडी) या इबोला रक्तस्रावी बुखार (ईएचएफ) के रूप में भी जाना जाता है।
- इबोला का नाम अफ्रीका की उस नदी के नाम पर रखा गया है जहां इस बीमारी को पहली बार 1976 में देखा गया था।
• वायरस के कारण होने वाले रोग:
- चेचक, खसरा, कण्ठमाला, दाद, डेंगू, सामान्य जुकाम और एड्स।
📝Additional Information :
• बैक्टीरियाः
० इसकी खोज एंटोनी वैन लीउवेनहॉक ने की थी।
० बैक्टीरिया के कारण होने वाले रोग:
- डिप्थीरिया, निमोनिया, हैजा, टेटनस, तपेदिक, प्लेग और गोनोरिया
० बैक्टीरिया के कारण होने वाले रोग:
- डिप्थीरिया, निमोनिया, हैजा, टेटनस, तपेदिक, प्लेग और गोनोरिया
• कवक:
० कवक क्लोरोफिल-कम, केंद्रीय वाहक, टिशुलैस, थैलोफाइट हैं।
० कवक के कारण होने वाले रोग:
- दाद और एथलीट फुट ।
० कवक के कारण होने वाले रोग:
- दाद और एथलीट फुट ।
• प्रोटोजोआ:
० यह एककोशिकीय है।
० प्रोटोजोआ के कारण होने वाले रोग:
- मलेरिया, पेचिश, दस्त, काला अजार ।
० प्रोटोजोआ के कारण होने वाले रोग:
- मलेरिया, पेचिश, दस्त, काला अजार ।
Question No - 42
मायोपिया किस अंग का दोष है ?
Myopia is the defect of which organ?
1. हृदय / Heart
2. कान / Ear
3. नेत्र / eye
4. फेफड़े / Lungs
Answer :-
Option 3 : नेत्र / eye
Detailed Below:
📌Important Points :
- मायोपिया एक नेत्र विकार है।
- यह आमतौर पर निकट दृष्टि दोष के रूप में जाना जाता है।
- इस विकार में पास की वस्तुओं को आंख से स्पष्ट रूप से देखा जाता है लेकिन दूर की वस्तुओं को धुंधला दिखाई देता है। अतः यह इसके नाम के विपरीत है, क्योंकि निकट दृष्टि में एक आंख की दूरदर्शिता कमजोर होती है।
- यह तब होता है जब आपकी आंख का आकार गलत तरीके से मोड़ने (अपवर्तित) करने के लिए प्रकाश किरणों का कारण बनता है, जोआपके रेटिना के बजाय आपके रेटिना के सामने की छवियों को केंद्रित करता है।
📝Additional Information :
- निकट दृष्टि दोष का विपरीत विकार हाइपरोपिया है।
- हाइपरोपिया को दूर दृष्टि दोष के रूप में भी जाना जाता है।
- इस विकार में वस्तुओं के पास धुंधला दिखाई देता है जबकि दूर की वस्तुएं एक आंख से स्पष्ट लगती हैं। अतः यह दूर दृष्टि दोष के रूप में अपने नाम के विपरीत है।
- दूर दृष्टि दोष तब होती है जब आपकी नेत्रगोलक सामान्य से कम होती है या आपकी कॉर्निया बहुत कम घुमावदार होती है। प्रभाव निकटता के विपरीत है।
Question No - 43
निकट दृष्टि दोष को ठीक किया जाता है?
How is myopia corrected?
1. उत्तल लेंस (Convex lens)
2. अवतल लेंस (Concave lens)
3. समतल लेंस (plane lens)
4. सामान्य कांच (plain glass)
Answer :-
Option 2 : अवतल लेंस (Concave lens)
Detailed Below:
📌Important Points :
• निकट दृष्टि दोष
- निकट दृष्टिदोष एक नेत्र विकार है।
- निकट दृष्टि दोष में, प्रकाश रेटिना पर के बजाय, सामने केंद्रित होता है।
- इससे दूर की वस्तुएँ धुंधली हो जाती हैं और निकट की वस्तुएँ सामान्य दिखाई देती हैं।
- निकट दृष्टि दोष सामान्य से अधिक लंबे नेत्रगोलक या किसी भी स्थिति के कारण हो सकता है जो प्रकाश किरणों को रेटिना पर ध्यान केंद्रित करने से रोकता है।
- इसे एक उपयुक्त अवतल लेंस द्वारा ठीक किया जाता है।
- अवतल लेंस प्रकाश की किरण को इस प्रकार अपवर्तित करता है कि दूर की वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बन सके।
📝Additional Information :
• अवतल लेंस
- अवतल लेंस एक ऐसा लेंस होता है जिसमें कम से कम एक सतह होती है जो अंदर की ओर झकती है।
- यह एक अपसारी लेंस है
- यह अपने किनारों की तुलना में इसके केंद्र में पतला है।
- अवतल लेंस के उपयोग - दूरबीन में, चश्मा में, आदि।
• उत्तल लेंस
- यह एक लेंस है जो मुख्य अक्ष के समानांतर यात्रा कर रहे प्रकाश की किरणों को परिवर्तित करता है।
- यह एक अभिसारी लेंस है। .
- यह केंद्र में मोटा और किनारों पर पतला होता है।
- इसका उपयोग हाइपरमेट्रोपिया को ठीक करने के लिए किया जाता है, कैमरों में उपयोग किया जाता है।
• बेलनाकार लेंस
- बेलनाकार लेंस एक लेंस है जो एक बिंदु के बजाय प्रकाश को एक रेखा में केंद्रित करता है
- लेंस इस लाइन के लिए एक दिशा में छवि को संपीड़ित करता है।
- ऑप्टिकल स्पेक्टोमीटर में बेलनाकार लेंस का उपयोग किया जाता है।
- इसका उपयोग होलोग्राफी में किया जाता है।
• दृष्टि दोष एवं समाधान
दृष्टि दोष | विवरण | शोधन |
---|---|---|
दूर दृष्टि दोष या हाइपरमेट्रोपिया | मानव आँख दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकती है लेकिन पास की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकती। | उत्तल लेंस |
जरा दृष्टि दोष | इस दोष में निकट और दूर दोनों वस्तुएँ स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती हैं। यह एक विद्धावस्था की बीमारी है और यह आवास की शक्ति खोने के कारण है। | द्विफोकसी लेंस |
दृष्टि वैषम्य | इस दोष में आंख क्षतिज और ऊध्वाधर रेखाओं को एक साथ स्पष्ट रूप से नहीं देख सकती है। यह नेत्र लेंस की अपूर्ण गोलाकार प्रकृति के कारण होता है। | बेलनाकार लेंस |
Question No - 44
"निकट दृष्टिदोष" वाला व्यक्ति देख सकता है ?
Can a person with "myopia" see?
1. निकट स्थित वस्तु को स्पष्ट रूप से
2. दूर स्थित वस्तु को स्पष्ट रूप से
3. निकट और दूर स्थित वस्तु को स्पष्ट रूप से
4. न ही निकट और न ही दूर स्थित वस्तु को स्पष्ट रूप से
Answer :-
Option 1 : निकट स्थित वस्तु को स्पष्ट रूप से
Detailed Below:
📌Important Points :
- मायोपिया को निकट दृष्टिदोष और अदूरदर्शिता भी कहा जाता है।
- मायोपिया एक आंख का दोष या आंख की सामान्य असामान्यता है जिसमें निकट दृष्टि स्पष्ट होती है जबकि दूर दृष्टि धुंधली होती है।
- यह एक दृश्य असामान्यता है जिसमें आराम करने वाली आंख रेटिना के सामने एक बिंदु पर दूर की वस्तु की छवि को केंद्रित करती है (ऊतक की प्रकाश-संवेदनशील परत जो आंख के पीछे और किनारों को रेखाबद्ध करती है), जिसके परिणामस्वरूप धुंधली छवि होती है।
- मायोपिक आंखें, जो आमतौर पर आगे से पीछे की ओर सामान्य से अधिक लंबी होती हैं, सामान्य या दूरदर्शी आंखों की तुलना में रेटिना टुकड़ी के लिए कुछ अधिक संवेदनशील होती हैं।
- गंभीर मायोपिया अन्य आंखों की समस्याओं से भी जुड़ा हो सकता है, जिनमें से अधिकांश रेटिना या कोरॉयड (यानी, कोरॉयड से पैथोलॉजिकल रक्त वाहिका वृद्धि) को प्रभावित करते हैं ।
- मायोपिया को अवतल लेंस द्वारा ठीक किया जा सकता है।।
- आज, हालांकि, लैसिक (लेजर-असिस्टेड इन सीटू केराटोमाइलस) सर्जरी का उपयोग आम हो गया है।
- इस प्रक्रिया में, बाहरी कॉर्नियल ऊतक में एक हिंगेड फ्लैप बनाया जाता है और अंतर्निहित ऊतक को फिर से आकार देने के लिए एक एक्सीमर लेजर (एक पराबैंगनी रासायनिक लेजर जिसे एक्सिप्लेक्स लेजर भी कहा जाता है) की अनुमति देने के लिए रास्ते से हटा दिया जाता है।
- प्रतिस्थापित कॉर्नियल फ्लैप के प्राकृतिक पालन गुण टांके की आवश्यकता को नकारते हैं।
- LASIK सर्जरी को अक्सर photorefractive keratectomy (PRK) के लिए पसंद किया जाता है,
📝Additional Information :
• अवतल लेंस
- अवतल लेंस एक ऐसा लेंस होता है जिसमें कम से कम एक सतह होती है जो अंदर की ओर झकती है।
- यह एक अपसारी लेंस है
- यह अपने किनारों की तुलना में इसके केंद्र में पतला है।
- अवतल लेंस के उपयोग - दूरबीन में, चश्मा में, आदि।
• उत्तल लेंस
- यह एक लेंस है जो मुख्य अक्ष के समानांतर यात्रा कर रहे प्रकाश की किरणों को परिवर्तित करता है।
- यह एक अभिसारी लेंस है। .
- यह केंद्र में मोटा और किनारों पर पतला होता है।
- इसका उपयोग हाइपरमेट्रोपिया को ठीक करने के लिए किया जाता है, कैमरों में उपयोग किया जाता है।
• बेलनाकार लेंस
- बेलनाकार लेंस एक लेंस है जो एक बिंदु के बजाय प्रकाश को एक रेखा में केंद्रित करता है
- लेंस इस लाइन के लिए एक दिशा में छवि को संपीड़ित करता है।
- ऑप्टिकल स्पेक्टोमीटर में बेलनाकार लेंस का उपयोग किया जाता है।
- इसका उपयोग होलोग्राफी में किया जाता है।
• दृष्टि दोष एवं समाधान
दृष्टि दोष | विवरण | शोधन |
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दूर दृष्टि दोष या हाइपरमेट्रोपिया | मानव आँख दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकती है लेकिन पास की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकती। | उत्तल लेंस |
जरा दृष्टि दोष | इस दोष में निकट और दूर दोनों वस्तुएँ स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती हैं। यह एक विद्धावस्था की बीमारी है और यह आवास की शक्ति खोने के कारण है। | द्विफोकसी लेंस |
दृष्टि वैषम्य | इस दोष में आंख क्षतिज और ऊध्वाधर रेखाओं को एक साथ स्पष्ट रूप से नहीं देख सकती है। यह नेत्र लेंस की अपूर्ण गोलाकार प्रकृति के कारण होता है। | बेलनाकार लेंस |
Question No - 45
मिनीमाता रोग शरीर में किस धातु की हानिकारक मात्रा के कारण होती है ?
Minima-ta disease is caused due to harmful amount of which metal in the body?
1. बोरोन / boron
2. निकल / Nickle
3. आर्सेनिक / arsenic
4. पारा / Mercury
Answer :-
Option 4 : पारा / Mercury
Detailed Below:
📌Important Points :
• मिनामाता रोग
- मिनामाता रोग, जिसे कभी-कभी चिस्सो-मिनामाता रोग के रूप में जाना जाता है, एक न्यूरोलॉजिकल सिंड्रोम है जो गंभीर पारा विषाक्तता के कारण होता है।
- यह मेथिलमेरकरी (MeHg) विषाक्तता है जो मनुष्यों में उत्पन्न होती है जब वे MeHg मिश्रित अपशिष्ट जल की दूषित मछली और शंख का सेवन करते हैं।
- लक्षणों में गतिभंग, हाथों और पैरों में सुन्नता, सामान्य मांसपेशियों की कमजोरी, दृष्टि के क्षेत्र में संकीर्णता और सुनने और बोलने में क्षति शामिल है।
📝Additional Information :
• मानव पर भारी धातुओं का प्रभाव:
- कुछ आवश्यक भारी धातुएँ कोबाल्ट, तांबा, जस्ता और मैंगनीज़ मानव शरीर के लिये आवश्यक होती हैं, लेकिन इनकी अधिकता स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकती है।
- पीने के पानी में पाई जाने वाली भारी धातु जैसे- सीसा, पारा, आर्सेनिक और कैडमियम का हमारे शरीर पर कोई लाभकारी प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि शरीर में इन धातुओं का संचय गंभीर स्वास्थ्य समस्याएंँ उत्पन्न कर सकता है।
• Chart -
धातु | रोग |
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पारा | मिनीमाता |
कैडमियम | इटाई-इटाई |
लेड | रक्ताल्पता |
आर्सेनिक | ब्लैक फुट |
नाइट्रेट | ब्लू बेरी सिंड्रोम |
Question No - 46
टिटेनस नामक रोग निम्न नाम से भी जाना जाता है ?
The disease called tetanus is also known by the following name?
1. शिंगल्स / shingles
2. काली खासी / Kali Khasi
3. लॉक्जा / Lock - Jaw
4. ग्वाइटर / goiter
Answer :-
Option 2 : लॉक्जा / Lock -Jaw
Detailed Below:
📌Important Points :
• टेटनस रोग
- टेटनस को " लॉकजॉ" के रूप में भी जाना जाता है।
- यह क्लोस्ट्रीडियम टेटानी नाम के बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है।
- इस बीमारी में, तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो जाता है जिससे दर्दनाक मांसपेशियों में संकुचन होता है।
📝Additional Information :
- एजेंट कारक - बैक्टीरिया क्लोस्टीडियम टेटानी
- अधिग्रहण का तरीका - संक्रमण तब अनुबंधित होता है जब एक गहरे मांस का घाव मिट्टी, धूल या जानवरों का केमल के संपर्क में आता है जो बैक्टीरिया से दूषित होता है।
- प्रभावित अंग - तंत्रिका तंत्र मांसपेशियों की कठोरता और ऐंठन की ओर जाता है।
- लक्षण
- जबड़े, गर्दन और पेट की मांसपेशियों में अकड़न
- निगलने में कठिनाई
- दर्दनाक ऐंठन
रोग | जीवाणु |
---|---|
हैजा | विब्रियो हैजा |
कुष्ठ रोग | माइकोबैक्टीरियम लेप्राई |
प्लेग | यर्सिनिया पेस्टिस |
निमोनिया | स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया |
टिटनेस | क्लोस्ट्रीडियम टेटानी |
तपेदिक | माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस |
टाइफाइड | साल्मोनेला टाइफी |
काली खांसी | बोर्डेटेला पर्टुसिस। |
Question No - 47
BMD का परीक्षण का पूर्ण रूप क्या है ?
What is the full form of BMD test?
1. Bone Mineral density
2. Bone marrow density
3. Bone marrow deficiency
4. Bone marrow differentiation
Answer :-
Option 1 : Bone Mineral Density
Detailed Below:
📌Important Points :
- BMD परीक्षण ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान कर सकता है, फ्रैक्चर (टूटी हड्डियों) के लिए अपने जोखिम का निर्धारण कर सकता
- यह ऑस्टियोपोरोसिस उपचार के प्रति आपकी प्रतिक्रिया को मापता है।
- परीक्षण आपके कूल्हे और काठ की रीढ़ की हड्डी के घनत्व को माप सकता है।
- यह एक सामान्य एक्स-रे परीक्षण की तरह है।
- ऑस्टियोपोरोसिस, जिसका अर्थ है "छिद्रपूर्ण हड्डियां," एक ऐसी स्थिति है जो हड्डियों को धीरे-धीरे पतली और कमजोर कर देती है, जिससे उन्हें फ्रैक्चर के लिए अतिसंवेदनशील हो जाता है।
📝Additional Information :
TEST | DISEASE |
---|---|
ELISA | HIV |
वेस्टर्न ब्लॉट टेस्ट | HIV |
PCR | HIV |
CH-4 Count | प्रतिरोधक क्षमता |
न्यूक्लिक एसिड टेस्ट | RNA/DNA |
ECG Test | heart disease |
CBC Test | Complete Blood Count Test |
Question No - 48
BMD परीक्षण किया जाता है पहचान करने के लिए ?
Is BMD Testing Used to Identify ?
1. डेंगू को / to dengue
2. मलेरिया को / to malaria
3. ऑस्टियोपोरोपिस को / to osteoporosis
4. एडस को / to AIDS
Answer :-
Option 3 : ऑस्टियोपोरोपिस को / to osteoporosis
Detailed Below:
📌Important Points :
- BMD परीक्षण ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान कर सकता है, फ्रैक्चर (टूटी हड्डियों) के लिए अपने जोखिम का निर्धारण कर सकता
- यह ऑस्टियोपोरोसिस उपचार के प्रति आपकी प्रतिक्रिया को मापता है।
- परीक्षण आपके कूल्हे और काठ की रीढ़ की हड्डी के घनत्व को माप सकता है।
- यह एक सामान्य एक्स-रे परीक्षण की तरह है।
- ऑस्टियोपोरोसिस, जिसका अर्थ है "छिद्रपूर्ण हड्डियां," एक ऐसी स्थिति है जो हड्डियों को धीरे-धीरे पतली और कमजोर कर देती है, जिससे उन्हें फ्रैक्चर के लिए अतिसंवेदनशील हो जाता है।
Question No - 49
जो मनुष्य यह नहीं समझ पता की कब उसे भोजन करना रोक देना चाहिए , वह पीड़ित हैं ?
The person who does not understand that when he should stop eating, he is suffering?
1. बुलिमिया से / from bulimia
2. मधुमेह से / from diabetes
3. एनोरेक्सिया से / from anorexia
4. अतिअम्लता से / hyper-acidly
Answer :-
Option 1 : बुलिमिया से / from bulimia
Detailed Below:
📌Important Points :
- बुलीमिया नर्वोसा एक प्रकार का भोजन-संबंधी विकार है।
- बुलीमिया से ग्रस्त व्यक्ति बहुत कम समय में बहुत अधिक मात्रा में भोजन का सेवन कर लेता है
- और फिर वजन वृद्धि से बचने के लिए मल-त्याग आदि माध्यमों से ग्रहण किए गए भोजन का त्याग करने के लिए प्रयासरत रहता है।
- बुलीमिया से ग्रस्त व्यक्ति ऐसा महसूस करता है कि उसका इस बात पर कोई नियंत्रण नहीं है कि उसे कितना भोजन करना है।
📝Additional Information :
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Question No - 50
शरीर मे किस स्थिति को कैंसर कहते है ?
Which condition in the body is called cancer?
1. स्वस्थ सेलों का बनना बंद होना जिससे क्रमशः मृत्यु हो जाती है
2. जहरीले रसायनो का शरीर के किसी भाग में एकत्र होना ओर अंततः मृत्यु होना
3. सेलों का अनियंत्रित बहुगुणन (Uncontrolled Multiplication) होना इससे स्वस्थ सेलों का दम घुटना ओर अंततः मृत्यु होना
4. इनमे से कोई नहीं
Answer :-
Option 3 : सेलों का अनियंत्रित बहुगुणन (Uncontrolled Multiplication) होना इससे स्वस्थ सेलों का दम घुटना ओर अंततः मृत्यु होना
Detailed Below:
➥स्पष्टीकरण:
- कैंसर इंसानों की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है और दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण है। एक मिलियन से अधिक भारतीय कैंसर से पीड़ित हैं और उनमें से बड़ी संख्या में प्रतिवर्ष इससे मृत्यु होती है।
- हमारे शरीर में, कोशिका वृद्धि और विभेदन अत्यधिक नियंत्रित और विनियमित होते हैं।
- कैंसर कोशिकाओं में इन नियामक तंत्रों का टूटना है।
- सामान्य कोशिकाएं एक संपत्ति दिखाती हैं जिसे संपर्क अवरोध कहा जाता है जिसके अन्य कोशिकाओं के साथ संपर्क उनके अनियंत्रित विकास को रोकता है। कैंसर कोशिकाएं इस गुण को खोती हुई दिखाई देती हैं।
- इस के परिणामस्वरूप, कैंसर की कोशिकाएं सिर्फ ट्यूमर नामक कोशिकाओं के द्रव्यमान को जन्म देती हैं।
- ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं: सौम्य और घातक।
- शरीर के द्रव के माध्यम से शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में कैंसर कोशिकाओं या ट्यूमर के आक्रमण को मेटास्टेसिस कहा जाता है।
- घातक ट्यूमर मेटास्टेसिस को दर्शाता है और इस प्रकार शरीर के अन्य हिस्सों पर आक्रमण करता है।
📝Additional Information :
➥कैंसर के कारण: कैंसर पैदा करने वाले एजेंटों को कार्सिनोजेन कहा जाता है। ये निम्न प्रकार के होते हैं:
- रासायनिक एजेंट: एनिलिन डाई, एन-नाइटोसोडिमिथाइलमाइन, बेंजोपाइरीन, आदि
- भौतिक एजेंट: एक्स- किरणों और आयस किरणों जैसे विकिरण विकिरण, यूवी किरणों जैसे गैर-आयनीकरण विकिरण
- जैविक एजेंट: -ऑन्कोजेनिक वायरस, कुछ परजीवी।
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