Ad Code

Responsive Advertisement

दाब / Pressure /

 भौतिक विज्ञान

भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा ( energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं का विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है ।
 
5. दाब

> दाब (Pressure) : किसी सतह के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं अर्थात्-


> दाब का S.I. मात्रक N/m2 होता है, जिसे पास्कल (Pa) भी कहते हैं । दाब एक अदिश राशि है।


> वायुमंडलीय दाब ( Atmospheric Pressure) : सामान्यतया वायुमंडलीय दाब वह दाब होता है, जो पारे के 76 सेमी० लम्बे कॉलम के द्वारा 0°C पर 45° अक्षांश पर समुद्रतल पर लगाया जाता है। यह एक वर्ग सेमी० अनुप्रस्थ काट वाले पारे के 76 सेमी० लम्बे कॉलम के भार के बराबर होता है। वायुमंडलीय दाब का SI मात्रक बार (bar ) होता है।
  • 1 बार=102 N/m2  
>वायुमंडलीय दाब 10न्यूटन / मीटर अर्थात् एक बार के बराबर होता है।
>पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब कम होता जाता है, जिसके कारण 
(i) पहाड़ों पर खाना बनाने में कठिनाई होती है, 
(ii) वायुयान में बैठे यात्री के फाउण्टेन पेन से स्याही रिस जाती है।

>वायुमंडलीय दाब को बैरोमीटर से मापा जाता है। इसकी सहायता से मौसम संबंधी पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है।
>बैरोमीटर का पाठ्यांक जब एका-एक नीचे गिरता है, तो आँधी आने की संभावना होती है। 
>बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे-धीरे नीचे गिरता है, तो वर्षा होने की संभावना होती है। 
>बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता है, तो दिन साफ रहने की संभावना होती है। 

> द्रव में दाब (Pressure in Liquid) : द्रव के अणुओं द्वारा बर्तन की दीवार अथवा तली के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को द्रव का दाब कहते हैं । द्रव के अन्दर किसी बिन्दु पर द्रव के कारण दाब द्रव की सतह से उस बिन्दु की गहराई (h) द्रव के घनत्व (d) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल के बराबर होता है। अर्थात्
  • p (दाब) = h x d x g 
द्रवों में दाब के नियम

(i) स्थिर द्रव में एक ही क्षैतिज तल में स्थित सभी बिन्दुओं पर दाब समान होता है। 
(ii) स्थिर द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब प्रत्येक दिशा में बराबर होता है।
(iii) द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब स्वतंत्र तल से बिन्दु की गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है।
(iv) किसी बिन्दु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व पर निर्भर करता है। घनत्व अधिक होने पर दाब भी अधिक होता है।

द्रव - दाब सम्बन्धी पास्कल का नियम

>पास्कल के नियम का प्रथम कथन : यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य माना जाय तो संतुलन की अवस्था में द्रव के भीतर प्रत्येक बिन्दु पर दबाव समान होता है ।
पास्कल के नियम का द्वितीय कथन : किसी बर्तन में बंद द्रव के किसी भाग पर आरोपित बल, द्रव द्वारा सभी दिशाओं में समान परिमाण में संचरित कर दिया जाता है।
पास्कल के नियम पर आधारित कुछ यंत्र हैं : हाइड्रोलिक लिफ्ट, हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक आदि।
>द्रव का दाब उस पात्र के आकार या आकृति पर निर्भर नहीं करता जिसमें द्रव रखा जाता है।

गलनांक तथा क्वथनांक पर दाब का प्रभाव (Effect of Pressure on Melting Point and Boiling Point): -
गलनांक पर प्रभाव: 
(i) गरम करने पर जिन पदार्थों का आयतन बढ़ता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी बढ़ जाता है; जैसे—मोम, घी आदि।
(ii) गरम करने पर जिन पदार्थों का आयतन घट जाता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी कम हो जाता है; जैसे बर्फ ।
क्वथनांक पर प्रभाव : सभी द्रवों का क्वथनांक दाब बढ़ाने पर बढ़ जाता है।

Post a Comment

0 Comments

Close Menu